विजिलेंस के राडार पर जीरकपुर परिषद के कई अधिकारी
Radar of Vigilance
मंत्री व अधिकारियों के बीच बिचौलिया बना बिल्डर भी निशाने पर
जैक ने उठाई दागी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
संदीप तिवारी व कुलदीप वर्मा की संपत्ति की हो जांच
जीरकपुर। Radar of Vigilance: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा जीरकपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी गिरीश वर्मा को गिरफ्तार किए जाने के बाद कई अन्य अधिकारी तथा बिल्डर विजिलेंस ब्यूरो के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्रियों तथा अधिकारियों के लाइजनिंग करने वाले कई बिल्डर भूमिगत हो गए हैं।
इस बीच जैक रैजीडेंटस वैलफेयर एसोसिएशन ने कई दागी अधिकारियों की सूची सार्वजनिक करते हुए विजिलेंस ब्यूरो से कार्रवाई की मांग की है। विजिलेंस ब्यूरो द्वारा हाल ही में कार्यकारी अधिकारी गिरीश वर्मा को गिरफ्तार किया गया है। वर्मा इन दिनों रिमांड पर हैं। वर्मा का पिछली सरकार में इतना रसूख रहा है कि वह जीरकपुर से निलंबित होने के बावजूद यहीं पर तैनात हो गए थे।
अब विजिलेंस ब्यूरो ने जहां वर्मा तथा उनके परिवारिक सदस्यों की नामी-बेनामी संपत्ति का पता लगा लिया है वहीं जीरकपुर नगर परिषद में तैनात कुछ अधिकारी भी विजिलेंस के राडार पर आ गए हैं। ब्यूरो की एक टीम नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों पर ट्रैप लगाए हुए है।
यही नहीं विजिलेंस ब्यूरो ने पिछली कांग्रेस सरकार के समय नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी तथा मंत्रियों के बीच लाइजनिंग करने वाले पंचकूला निवासी एक बिल्डर को भी निशाने पर ले लिया है। पंचकूला के सैक्टर-21 निवासी यह बिल्डर जीरकपुर में कई अवैध प्रोजैक्ट पास करवा चुका है।
कांग्रेस सरकार के समय हलका इंचार्ज का करीबी रहा यह बिल्डर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी तथा मंत्रियों के बीच बिचौलिए का काम करता रहा है। अब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा शिकंजा कसे जाने के बाद उक्त बिल्डर भूमिगत हो गया है। यही नहीं नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों द्वारा छोड़े गए दलाल भी विजिलेंस ब्यूरो के निशाने पर हैं।
इस बीच जैक रैजीडेंटस वैलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव चौधरी ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि विजिलेंस ब्यूरो को नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप तिवारी, निकाय अधिकारी कुलदीप वर्मा तथा कई अन्यों की संपत्ति की भी जांच करनी चाहिए। जिससे यहां करोड़ों रुपये का बड़ा घोटाला बेनकाब हो सकता है।